शेयर बाजार में प्रतिदिन बहुलता से उपयोग किये जाने वाला यह शब्द बाजार की चाल का मजबूत आधार माना जाता है। फारेन इंस्टीटयूशनल इन्वेस्टर (एफआईआई) अर्थात विभिन्न देशों के संस्थागत निवेशक। ये विश्व के अनेक शेयर बाजारों में परिस्थितियों पर नजर रखते हुए निवेश करते रहते हैं। यह वर्ग बड़े रूप में पूरे विश्व में फैला हुआ है और इन्हें प्रोफेशनल इन्वेस्टर माना जाता है। इतना ही नहीं इनके पास निवेश के लिए भारी फंड भी उपलब्ध होता है। एफआईआई को भारत में निवेश करने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से पंजीकरण करवाना पड़ता है। वर्तमान में हमारे देश में ११०० से अधिक एफआईआई पंजीकृत हैं और उनका भारतीय पूंजी बाजार में अरबों रुपये का निवेश है। उनके निवेश प्रवाह के आधार पर हमारे शेयर बाजार में तेजी या मंदी, उछाल या गिरावट सृजित होती है।
शेयर बाजार को नचाने वाला, बाजार की चाल निर्धारित करने वाला यह शब्द बाजार से संबंधित समाचारों में बार-बार सुनने को मिलता है। प्राय: इस बात पर आप अपना ध्यान देते हैं कि एफआईआई की लिवाली या बिकवाली के कारण बाजार का यह हाल हुआ। एफआईआई (इच्छ) यानि की फॉरेन इंस्टीटयूशनल इन्वेस्टर अर्थात विदेशी संस्थागत निवेशक। ये संस्थागत निवेशक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होते हैं। ये अपने स्वयं के देश के लोगों से बड़ी मात्रा में निवेश के लिए धन एकत्रित करते हैं और उनका अनेक देशों के शेयर बाजार में निवेश करते हैं। इन संस्थागत निवेशकों के ग्राहकों की सूची में सामान्य निवेश से लेकर बड़े निवेशक – पेंशन फंड आदि होते हैं, जिसका एकत्रित धन एफआईआई अपनी व्यूहरचना के अनुसार विविध शेयर बाजारों की प्रतिभूतियों में निवेश करके उस पर लाभ कमाते हैं और उसका हिस्सा अपने ग्राहकों को पहुंचाते हैं। चूंकि इन लोगों के पास धन काफी विशाल मात्रा में होता है और प्राय: ये भारी मात्रा में ही लेवाली या बिकवाली करते हैं जिससे शेयर बाजार की चाल पर सीधा प्रभाव पड़ता है। भारत में तो अभी उनका ऐसा वर्चस्व है कि लगता है शेयर बाजार को वे ही चलाते हैं। वर्ष २००८ में जब अमेरिका में आर्थिक मंदी आयी थी तब इस वर्ग ने भारतीय पूंजी बाजार से अपना निवेश निरंतर निकाला था, जिससे भारतीय बाजार में भी गिरावट होती गयी। किसी भी एफआईआई को भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपना पंजीकरण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) तथा भारतीय रिजर्व बैंक के पास करवाना होता है तथा इनके नियमों का पालन करना होता है। वर्तमान समय में सेबी के पास ११०० से अधिक एफआईआई पंजीकृत है।